Wednesday, 15 April 2015

गुलाम बनकर जिओगे तो.

गुलाम बनकर जिओगे तो.

कुत्ता समजकर लात मारेगी  ये दुनिया


नवाब बनकर जिओगे तो,

सलाम ठोकेगी  ये दुनिया….


“दम” कपड़ो में नहीं,

जिगर में रखो….


बात अगर कपड़ो में होती तो, सफ़ेद कफ़न में,

लिपटा हुआ मुर्दा भी “सुल्तान मिर्ज़ा” होता.

आप भले ही पांच सौ करोड की मिल्कियत के मालिक हो पर जब तक शाम को चार दोस्त आपका इंतजार न कर रहे हो आप गरीब हो। एक दोस्त ने क्या खूब लिखा है कि मरने के बाद मुझे जल्दी ना जला देना मेरे दोस्तों को देर से आने की आदत है...

...🙇🙇🙇

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