नेपाल हिला, भारत हिला और हिल गया पाकिस्तान,
न मसीह आए, न अल्लाह आए और कहाँ गए भगवान् ।
हैं कौन हिन्दू, कौन ईसाई और कौन हुआ मुसलमान,
प्रकृति के आगे है बेवश हर इंसान ।।
हैं सब एक समान उसकी नजर में,
नहीं चलता वहाँ बाइबल, वेद और कुरान का ज्ञान ।
मत उलझ इस पाखण्ड में,
अब तो जाग जा ए मूरख इंसान ।।
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